अधुनिक महाराष्ट्र के शिल्पकार-४

यशवंतराव चव्हाण का जीवनवृत्त

राजनीति में राजनैतिक नेता का संपूर्ण व्यक्तित्व अभिव्यक्त होता है । नैतिक नेता की जीवनी और उनके जीवन दर्शन का नेता के राजनैतिक कार्य में विशिष्ट महत्त्व है ।  अतः जीवनी, व्यक्तित्व और जीवन दर्शन का एक दूसरे से संबंध है और इन तीनों का राजनैतिक साधना में महत्त्वपूर्ण योग है । इसलिए नेता के व्यक्तित्व और कार्य को समझने के लिए उसके क्रियात्मक जीवन, सुख, दुःख, संकल्प, विकल्प तथा स्वभाव आदि का अध्ययन आवश्यक है ।

राजनैतिक नेता भी सामाजिक जीव है, अतः बहिर्जगत की घटनाएँ उसे प्रभावित करती रहती हैं । इसी तरह से नेता के जीवन के क्रमिक उतार-चढाव देख विशिष्ट संबंधों और क्रिया-कलापोंद्वारा हम उसके पूर्व पीठिका तथा मनोदशा से भली भाँति परिचित हो सकते हैं । जीवनी के द्वारा हमें नेता के वय, विकास तथा कार्य निर्माण की सम्यक रूप रेखा और आधार भूमि का ज्ञान होता है ।

वंश वृक्ष

यशवंतरावजी के दादा का नाम वाघोजी चव्हाण और उनके पिता का अर्थात उनके परदादा का नाम गणोजी चवहाण । परदादा के पिता का नाम बालोजी चव्हाण था ।

वाघोजी चव्हाण के दो पुत्र हुए । (१) रामचंद्र (२) बलवंतराव । रामचंद्र यशवंतरावजी के चाचा थे । बलवंतराव की चार संताने हुई - (१) ज्ञानोबा (२) राधाबाई (३) गणपतराव
(४) यशवंतराव

ज्ञानोबा की पत्‍नी का नाम था सोनाबाई । राधाबाई (यशवंतरावजी की बहन) रामचंद्र कोतवाल के साथ ब्याही गई थी । गणपतराव चव्हाण की पत्‍नी का नाम था
भागीरथीबाई । यशवंतरावजी का वेणूताई के साथ विवाह हुआ था ।

ज्ञानोबा की तीन संताने हुई - (१) प्रताप (२) सुधीजाई (३) शिवाजी । प्रताप और शिवाजी ये दोनों यशवंतरावजी के भतीजे थे । सुधीजाई यशवंतरावजी की भतीजी थी । सुधीजाई का फलटण के दत्ताजीराव बेडके के साथ विवाह हुआ था ।

प्रताप की पत्‍नी का नाम मथुराबाई था और शिवाजी की पत्‍नी का नाम विमल था ।

राधाबाई रामचंद्र कोतवाल की तीन संतानें हुई - (१) बाबूराव (२) दिनकर (३) हौसाबाई ।

बाबूराव और दिनकर ये दोनों यशवंतरावजी के भांजे थे । हौसाबाई उनकी भांजी थी ।  हौसाबाई कृष्णाजी घाडगे के साथ व्याही गई थी ।

गणपतराव चव्हाण की चार संताने हुई - (१) लीलाताई (२) दादा (३) अशोक
(४) डॉ. विक्रम उर्फ राजा ।

दादा, अशोक और डॉ. विक्रम ये तीनों यशवंतरावजी के भतीजे थें और लीलाताई उनकी भतीजी थी ।

बाबूराव काले के साथ लीलाताई का विवाह हुआ था । उन्हें तीन संताने हुई । उनके पुत्र का नाम संजय काले था । शेष दोनों के नाम याद नहीं ।

चारुलता दादा की पत्‍नी थी । उनकी तीन संताने थीं । (१) अभिजीत चव्हाण (२) राहुल चव्हाण (३) चेतन चव्हाण । चेतन की पत्‍नी का नाम वैशाली था । मंदाकिनी अशोक की पत्‍नी थी । स्मिता दलवी, बेलगाँव, तेजस्विनी पाटील, महेश, रोहित । रोहित की पत्‍नी का नाम था कल्पना । शंतनु उनका पुत्र । मंगल डॉ. विक्रम उर्फ राजा की पत्‍नी ।  सिध्दार्थ और लिना । अनुष्क सिध्दार्थ की संतान ।