अधुनिक महाराष्ट्र के शिल्पकार १११

यशवंतरावजी चव्हाण का जीवनवृत्त

१९१३   : मार्च १२, जन्म सातारा जिले में (अब सांगली जिला) देवराष्ट्र नामक गाँव  में ।

१९१८-१९ :   पिताश्री बलवंतरावजी चव्हाण का प्लेग की बीमारी में निधन । सभी शिक्षा के लिए कर्‍हाड मे दाखिल ।

१९२७ : कराड की केंद्र शाला में से व्हर्नाक्युलर फायनल परीक्षा उत्तीर्ण । कराड में  तिलक हाइस्कूल में प्रवेश ।

१९२९  : ८ अप्रैल को भगतसिंग ने असेंब्ली में बम फेक दिया । उस घटना से  राजनैतिक जीवन की ओर आकर्षित और भगतसिंग के फाँसी के बाद  स्वातंत्र्यलडाई के लिय जीवन समर्पित करने का निश्चय ।

१९३०-३१ :  वर्ष के मध्यतक लगभग डेढ वर्ष तक 'ज्ञानप्रकाश' वृत्तपत्र के वार्ताहर के रूप में जनसंपर्क ।

१९३१ : पूना के नूतन मराठी विद्यालय की ओर से ली गयी वक्तृत्व स्पर्धा में 'ग्राम सुधारणा' शीर्षक के विषय पर प्रथम क्रमांक का १५०.०० रुपयों का पारितोषिक प्राप्‍त ।

१९३०-३३ : असहकार के (कानून भंग) आंदोलन में सहयोग और १९३२ में १८ महिनों की जेल की सजा ।

१९३३   : जेल से छुटकारा ।

१९३४   : मॅट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण । कोल्हापूर के राजाराम महाविद्यालय में प्रवेश ।  (प्राचार्य डॉ.बालकृष्ण और प्राध्यापक ना. सी. फडके का सहवास और मार्गदर्शन ।)

१९३८   : इतिहास और राजनीति ये विषय लेकर मुंबई विद्यापीठ की बी.ए. उपाधि परीक्षा उत्तीर्ण । पूना के लॉ कॉलेज में प्रवेश ।

१९३८ : रॉयवादी विचारों की छाया में ।

१९४० : सातारा जिला काँग्रेस के अध्यक्ष ।

१९४१  : अगस्त में एल.एल.बी. परीक्षा उत्तीर्ण । वकालत के व्यवसाय का प्रारंभ ।

१९४२  : जून २, कराड में वेणुताई के साथ विवाहबद्ध । (फलटण के मोरे परिवार  की कन्या ।)

१९४२-४३ : सातारा जिले में भूमिगत आंदोलन में प्रवेश, संचालन, मार्गदर्शन ।

१९४३  :  सब में बडे भाई ज्ञानोबा का निधन ।

१९४४   : राजनैतिक क्रांति इस विषय पर कविता । (जेल में रहना)

१९४५   : जेल से छुटकारा ।