अधुनिक महाराष्ट्र के शिल्पकार १०८

आपद्कालीन स्थिति समाप्‍त और चुनाव की घोषणा

इंदिरा गांधीजी के दमनचक्र युक्त महत्त्वाकांक्षी नीति से आपद्कालीन स्थिति घोषित की गयी । यशवंतरावजी विदेश मंत्री के रूप में जब रूमानिया में गये थे तब वहाँ के राजदूत ने कहा ... 'प्रधानमंत्री इंदिरा गांधीजी ने भारत में चुनाव जाहीर किया है ।' यह सुनकर यशवंतरावजी ने कहा- 'यह समाचार सुनकर मन पर का बोझ हलका हुआ है । 'क्या सार्वजनिक चुनाव के लिए हम हमेशा के लिए वंचित हो गये ? ऐसा डर अनेक महिने लगा था ।' उन्होंने वेणूताईजी से पत्र लिखकर कहा है- 'सभी राजकैदी छूट जायेंगे और चुनाव का वातावरण प्रस्थापित होगा । हवा खुली रहेगी । आज मैं आनंद में हूँ ।'  आपद्कालीन स्थिति के बाद काँग्रेस की पराजय हुई । परंतु अल्पावधि में जनता सरकार गिराने में इंदिरा गांधीजी सफल हुई । लेकिन इंदिरा गांधीजी के पुनरागमन में यशवंतरावजी जैसे सात्त्विक, सच्चरित्र नेता को कोई स्थान नहीं था ।

यशवंतरावजी सच्चे अर्थों में महाराष्ट्र के नेता थे । महाराष्ट्र के प्रशासन में और पक्ष में प्रमुख थे । इसलिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री होते हुए उनका कार्यकाल सफल हुआ ।  उनके प्रत्येक निर्णय का स्वागत हुआ । परंतु केंद्रीय राजनीति में उनके प्रत्येक निर्णय का स्वागत नहीं हुआ । अनेक प्रसंगों में उन्हें दूसरों के विचार स्वीकारने पडे । वे अलग अलग खाते के मंत्री थे । फिर भी वे स्वतंत्रता से निर्णय नहीं ले सकते थे । इन सब बातों के कारण उनके विचारों में और उनके कार्योंमें बाधा पैदा हो जाती थीं ।

यशवंतराव जैसे प्रजा के राजा को महाराष्ट्र कभी नहीं भूलेगा । क्या उनके पश्चात उनके सपनों की पूर्ति हुई ? आजकल राजनीतिज्ञोंके टूटे हुए मन, देहात में रहनेवाले किसान, उनकी हुई दुरवस्था, बढती जानेवाली हत्याएँ और दूसरी तरफ हजारों करोडों रुपयों के घोटाले, राजनैतिक नेताओं की शान यह सब देखनेपर लगता है कि 'क्या यह यशवंतरावजी का महाराष्ट्र है ?' क्या यशवंतरावजी के बाद दिल्ली के दरबार में महाराष्ट्र को सम्मान मिलता है ? ऐसे अनेक प्रश्न सामने आते हैं ।

यशवंतराव चव्हाण के पश्चात उनके उत्तराधिकारी श्री. शरद पवारजी दिल्लीकी राजनीति में मशहूर हो गये । उन्होंने अपने कार्य से दिल्लीवालों को अपना परिचय करा दिया है ।  सात समुद्रों के पार इस नेता की चर्चा होती हैं । उन्होंने महाराष्ट्र और भारत के अनेक क्षेत्रों में काम किया । भविष्य में श्री. शरद पवारजी के कर्तृत्व को बुद्धिमत्ता को और सभी विषयों की जानकारी रखनेवाले तथा सर्वज्ञ प्रज्ञावंत श्री. शरद पवारजी को राजनीति में अवर्णनीय काम करने का अवसर मिलेगा तो उनका नाम चिरस्मरणीय रहेगा ।