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अधुनिक महाराष्ट्र के शिल्पकार ११२

१९४६   : मुंबई राज्य के कानून मंडल के चुनाव में (द. सातारा) मतदारसंघ से चुनाव जीत गये ।

१९४६  : अप्रैल १४, गृह विभाग के संसदीय सचिव के रूप में नियुक्ति ।

१९४७  : दिसंबर १५, में मँझले बंधू गणपतराव का निधन ।

१९४८   : महाराष्ट्र प्रदेश काँग्रेस के सचिव ।

१९५१   : मँझले बंधू गणपतराव की पत्‍नी का निधन ।

१९५२  : कराड मतदारसंघ से विधान सभा पर चुनाव और नागरी रसद मंत्री के रूप  में नियुक्ति ।

१९५३ : सितंबर २८, श्री. भाऊसाहेब हिरे और नानासाहेब कुंटे के साथ नागपूर  समझौते पर पश्चिम महाराष्ट्र की ओर से हस्ताक्षर ।

१९५४  :  मुंबई राज्य पंचायत संघ की स्थापना ।

१९५५  : अक्तूबर १०, राज्य पुनर्रचना समिति का विवरण प्रसिद्ध हुआ । विदर्भ का अलग राज्य और शेष मराठी प्रदेश और गुजराथी प्रदेश इन दोनों का संयुक्त राज्य सुझानेवाली शिफारीस ।

१९५५   : दिसंबर १, फलटण में सातारा जिला काँग्रेस कमिटी के सभा में उपोषण, हडताल, इस्तीफे ये संयुक्त महाराष्ट्र प्राप्‍त करने के मार्ग नहीं है, इस आशय का प्रतिपादन करनेवाला प्रस्ताव मंजूर किया गया । 'महाराष्ट्र की  अपेक्षा नेहरूजी श्रेष्ठ और मुंबईसह संयुक्त महाराष्ट्र प्राप्‍त करने के प्रयत्‍न में आगे श्री. शंकरराव देव का नेतृत्व स्वीकार करने के लिए मैं तैयार नही हूँ' ऐसी बात चव्हाणजी ने कही ।

१९५६  : अक्तूबर, संसद ने विदर्भ के साथ विशाल द्विभाषिक मुंबई राज्य की स्थापना करने की बात प्रकट की ।

१९५६  : नवंबर, विशाल द्विभाषिक मुंबई राज्य की स्थापना और द्विभाषिक राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में चुनाव (उम्र ४३) ।

१९५७ : अप्रैल, मुंबई विधान सभा के सार्वत्रिक चुनाव में कराड में बहुत बडा संघर्ष होकर विजय और पुनश्च मुख्यमंत्री पद (उम्र ४४) ।

१९५७ : नवंबर ३०, प्रतापगड पर शिवस्मारक का पंडित जवाहरलाल नेहरूजी के करकमलों द्वारा उद्घाटन, द्विभाषिक विरोधी मोर्चा और समारोह शांति से संपन्न हुआ ।

१९५८  : सितंबर, अखिल भारतीय काँग्रेस की वर्किंग कमिटी पर चुनाव ।

१९५८ : फरवरी, बेलगाँव-कारवार सीमा प्रदेश महाराष्ट्र में समाविष्ट कर लेने के लिए संयुक्त महाराष्ट्र समिति की ओर से आंदोलन शुरू ।

१९५८  : दिसंबर, सीमाप्रश्न के संबंध में न्याय माँगने के लिए भारत की राजधानी में संयुक्त महाराष्ट्र समिति की ओर से सत्याग्रह ।

१९५९  : जनवरी, अ. भा. काँग्रेस के नागपूर अधिवेशन में तृतीय पंचवार्षिक योजना के विषय का प्रस्ताव टूट गया ।